शिवा जी महाराज को मुगलो से सबसे ज्यादा खतरा कब महसूस हो रहा था ||
★ शिवाजी महाराज को मुगलों से सबसे ज्यादा खतरा और दबाव 1660 से 1665 के बीच की अवधि में लग रहा था।
★ मुगलों के साथ संघर्ष
शिवाजी महाराज ने अपने पिता शाहजी भोसले की मृत्यु के बाद 1647 में मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान मुगलों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं और अपने राज्य का विस्तार किया।
1660 में, मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को पकड़ने के लिए एक बड़ी सेना भेजी। शिवाजी महाराज ने अपनी सेना के साथ मिलकर मुगलों का सामना किया और उन्हें कई बार हराया।
★ औरंगजेब का आक्रमण
1663 में, औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को पकड़ने के लिए एक और बड़ी सेना भेजी। इस सेना का नेतृत्व मिर्जा राजा जयसिंह ने किया था। शिवाजी महाराज ने अपनी सेना के साथ मिलकर मुगलों का सामना किया और उन्हें कई बार हराया।
★ पुरंदर की संधि
1665 में, शिवाजी महाराज ने मिर्जा राजा जयसिंह के साथ पुरंदर की संधि की। इस संधि के अनुसार, शिवाजी महाराज ने अपने कुछ किलों को मुगलों को सौंप दिया और अपने बेटे शम्भाजी को मुगल दरबार में भेजने का वादा किया।
★ निष्कर्ष
शिवाजी महाराज को मुगलों से सबसे ज्यादा खतरा और दबाव 1660 से 1665 के बीच की अवधि में लग रहा था। इस दौरान, उन्होंने अपनी सेना के साथ मिलकर मुगलों का सामना किया और उन्हें कई बार हराया। पुरंदर की संधि के बाद, शिवाजी महाराज ने अपने राज्य का विस्तार जारी रखा और मराठा साम्राज्य को मजबूत बनाया।
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